स्कूली शिक्षा में कला और शिल्प रचनात्मकता, आत्म-अभिव्यक्ति और समस्या-समाधान कौशल को बढ़ावा देते हैं। वे बढ़िया मोटर क्षमताओं को बढ़ाते हैं, आलोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करते हैं और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देते हैं। ये गतिविधियाँ भावनात्मक संतुलन भी प्रदान करती हैं, छात्रों को आत्मविश्वास, सहयोग और संचार कौशल विकसित करते हुए तनाव का प्रबंधन करने में मदद करती हैं, जिससे उनका समग्र शैक्षिक अनुभव समृद्ध होता है। चूंकि के. वि. काशीपुर में छात्रों को छोटी उम्र में ही कला और शिल्प गतिविधियों में प्रशिक्षित किया जाता है और उन्होंने कई पुरस्कार जीते हैं।